जब हम वैश्वीकरण की बात करते हैं | तब सबसे पहले हमारे जेहन में एक ही विचार आता है | वैश्वीकरण मतलब पूरे विश्व में आने जाने की सुविधा | इसी के साथ पूरे विश्व में मुक्त व्यापार के साधन | (Bhumandlikrit Vishva Ka Banana)
काम की तलाश में लोगों का एक देश से दूसरे देश में विस्थापन | पूंजी एवं दूसरी अन्य वस्तुओं की आवाजाही की वैश्विक व्यवस्था | व्यापारी, पुजारी, तीर्थयात्री, यात्री पुराने काल से ही ज्ञान, अवसर और आध्यात्मिक शांति के लिए दूर-दूर से यात्राएं करते रहे हैं | यही वैश्वीकरण है |
सबसे पहले सिल्क मार्ग के बारे में पता चलता है | सिल्क मार्ग एशिया को यूरोप और उत्तरी अफ्रीका से जोड़ता था | इसी रास्ते से एशिया के कपड़े दुनिया के दूसरे भागों में पहुंचते थे | वापसी में सोना, चांदी एवं कीमती धातु भी आती थी | जब यात्री यात्रा करते थे |
उस समय उनके साथ झटपट तैयार होने वाले कुछ खाद्य पदार्थ हुआ करते थे | ताकि वह आसानी से कहीं पर भी रुककर खाना खा सके | अपने पेट की भूख को शांत कर सकें | इसी के साथ नूडल्स चीन से पश्चिमी देशों में पहुंचे | (Bhumandlikrit Vishva Ka Banana)
यात्रा करते करते क्रिस्टोफर कोलंबस एक अज्ञात महाद्वीप पर पहुंच गए | जिसे आज अमेरिका के नाम से जाना जाता है | अमेरिका से मतलब उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका एवं कैरेबियन द्वीप समूह थे | अठारवीं सदी तक चीन एवं भारत को दुनिया के धनी देशों में गिना जाता था |
18 वी सदी के अंत में ब्रिटेन में कॉर्न लॉ लागु किया गया | क्यों कि वैश्वीकरण के कारण आयातित वस्तुएँ सस्ती थी | लेकिन महँगाई चरम पर पहुंच गई | खाद्य वस्तुओं के भाव आसमान छूने लगे | अंत में भारी विरोध के कारण कॉर्न लॉ को वापिस लेना पड़ा |
गिरमिटिया श्रमिक :-
भारत से भी मजदूरों को ले जाया जाता था | ये विशेष अनुबंध के तहत ले जाये जाते थे | इसलिए इनको गिरमिटिया श्रमिक कहा जाता था | ये मुख्यतया पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य भारत और तमिलनाडु के सूखे क्षेत्रो से जाते थे |
इनका बागान मालिक के साथ अग्रीमेंट होता था | यदि कोई पाँच वर्ष तक बागान में काम कर लेगा | तब वह स्वदेश लौट सकता है | भारतीय श्रमिक ज्यादातर कैरीबियाई द्वीप समूह जाया करते थे | इस व्यवस्था को “नयी दास प्रथा” भी कहा जाता था |
वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप रिंडरपेस्ट नामक बीमारी अफ्रीका तक फैल गई | इससे अफ्रीका के मवेशी मर गए | अर्थव्यवस्था लड़खड़ा उठी | यूरोपीय देशों ने कब्ज़ा कर लिया | अफ्रीका के खनिज दूसरे हाथो में चले गए | अफ्रीकी किसान से मजदुर बन गए |
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