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प्रिय विद्यार्थियों और सम्मानित साथियों ,
आज के इस लेख में हम कक्षा 10 के विज्ञान विषय की अध्ययन सामग्री के बारें में चर्चा करेंगें। जिसमें एन.सी.ई.आर.टी. के पाठ्यक्रम के अनुसार चर्चा करेंगें। Class 10 Science Chapter 9
एन.सी.ई.आर.टी. के पाठ्यक्रम का केन्द्रिय बोर्ड के साथ – साथ विभिन्न राज्य बोर्ड भी अनुपालन करते है। जैसे – राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड। इसमें विद्यार्थियों को करके सीखने पर बल दिया जाता है। बच्चों की प्रकृति जिज्ञासु बनायी जाती है, ताकि उनकी रूचि विषय में पैदा हो सके।
हमारी टीम के द्वारा अध्याय का हल हिन्दी तथा अंग्रेंजी दोनो भाषाओं में उपलब्ध करवाया गया है। जिससे आपको अलग – अलग इसके लिए प्रयत्न नहीं करने पड़े। इसी के साथ पाठ्यपुस्तक के अध्याय भी आपको उपलब्ध करवाए जा रहे है, ताकि आपको पुस्तक की आवश्यकता होने पर इधर – उधर प्रयास नहीं करना हो।
यहॉ पर Class 10 Science Chapter 9 का नाम आनुवंशिकता एवं जैव विकास रहेगा। इस अध्याय में मुख्य रूप से देखेगे कि जनन के बाद पैदा हुए जीव भी जनक के समान होते हुए भी कुछ भिन्न होते है, इनके बारे में चर्चा करेगे।
अलैंगिक जनन के दौरान एक कोशिका के विभाजन के फलस्वरूप दो कोशिकाओं का निर्माण होता है। जिससे इनके मध्य विभिन्नता कम पाई जाती है। क्यों कि यहॉ पर डीएनए में बदलाव या तो होता ही नहीं है या फिर अति न्यून होते है। जिस कारण संतति में बदलाव नहीं दिखाई देते है। यहॉ पर यदि लैगिंक जनन होता तब संतति में बदलाव अधिक दिखाई देते। इस स्थिति में संतति में परिवर्तन अधिक दिखाई देते । लैंगिक जनन में दो अलग – अलग जीवों से गुणसुत्र संतति में आते है। जिससे डीएनए में बदलाव की संभावना भी अधिक होती है।
इन परिवर्तनों को जानने के लिए हम आनुवंशिकता के बारें में जानते है।
आनुवंशिकता :-
जनन प्रक्रम का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम संतति के जीवों का अपने पूर्वजों के समान होना है। आनुवंशिकता नियम विश्वसनीय गुणों के वंशागति के बारें में बताते है।
About Vivaan Classes – Class 10 :
विवान क्लासेज प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से एनसीआरटी कक्षा 10 के लिए हिन्दी एवं अग्रेंजी माध्यम में क्विज उपलब्ध करवाई जा रही है। जिसमें प्रत्येक अध्याय के लिए नोट्स, सॉल्यूसन, तथा क्विज उपलब्ध करवाई गई है। यदि आप कक्षा 10 की परीक्षा दे रहे है। तब यह आपके लिए है। आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करते हुए विवान क्लासेज – क्लास 10 ऐप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हैं। यदि डाउनलोड करने में परेशानी आ रही हो, तो आप ईमेल कर सकते है। जैसा कि आप जानते है, वर्तमान वर्ष में कुल 80 में से 30 अंक के प्रश्न एक-एक अंकभार के होगें। इससे तात्पर्य है कि वस्तुनिष्ठ और अतिलघुतरात्मक होगें। इनका विवरण इस प्रकार है। प्रथम 12 प्रश्न बहुचयनात्मक, 6 प्रश्न रिक्त स्थान एवं इसके पश्चात् 12 प्रश्न अतिलघुतरात्मक होगे। जो कि विवान क्लासेज – क्लास 10 के क्विज पार्ट द्वारा कवर किए गए है। इसके पश्चात् लघुतरात्मक एवं निबंधात्मक प्रश्न दिए गए है। जो कि ऐप्लीकेशन में नोटस् पार्ट के द्वारा कवर किया गया है। इसी के साथ अध्याय के प्रश्न भी हल सहित दिए गए है। वर्ष 2022 के प्रश्नपत्र के लिए मॉडल प्रश्नपत्र सम्मिलित किए गए है। जिनके आधार पर आप अपनी तैयारी की जांच कर सकते है। यानि यह ऐप्लीकेशन आपके लिए गागर में सागर साबित होगा। अतः आपने अभी तक यदि विवान क्लासेज – क्लास 10 ऐप डाउनलोड नहीं किया है। तो अभी दिए गए लिंक पर क्लिक करते हुए प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करें।
वंशागति लक्षण :-
शिशु में मानव के सभी आधारभुत लक्षण पाए जाते है। फिर भी वह पूर्ण रूप से अपने जनको की तरह नहीं दिखाई देता है। विभिन्नता मानव संतति मे आसानी से देखी जा सकती है।
लक्षणों की वंशागति से संबंधित मेण्डल का योगदान :-
मेण्डल ने मटर के पौधे पर प्रयोग करके कुल तीन नियम प्रतिपादित किए । जिन्हें मेण्डल के वंशागति के नियम कहा जाता है। मेण्डल के तीनों नियम इस प्रकार है –
प्रभाविता का नियम
पृथककरण का नियम
स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम
मनुष्य में लिंग निर्धारण :-
घेंघा में लिंग निर्धारण जन्म से नहीं होता है। वह अपने अनुसार अपना लिंग बदल सकता है। परन्तु मानव में ऐसा नहीं होता है। मानव में लिंग का निर्धारण जन्म से ही होता है। यानि वह या तो नर होगा या फिर मादा। इसके लिए मनुष्य में गुणसूत्र उतरदायी होते है।
मनुष्य में कुल 23 जोड़ी गुणसूत्र पाए जाते है। जिनमें से 22 जोड़ी गुणसूत्र तो लिंग निर्धारण में अपनी भूमिका नहीं निभाते हैं। बचा हुआ एक जोड़ी गुणसूत्र लिंग निर्धारण के लिए उतरदायी होता है। जिसे लिंग गुणसूत्र कहते है। ये संख्या में दो होते है। नर में ये एक्स वाई होते है। मादा में ये एक्स एक्स होते है। जब एक्स एक्स आपस में मिलते है, तब पुत्री का जन्म होता है। इसी प्रकार जब एक्स वाई गुणसूत्र मिलते है, तब पुत्र जन्म लेता है।
लक्षण :-
कुल दो प्रकार के लक्षण होते है।
- उपार्जित लक्षण
- आनुवंशिक लक्षण
उपार्जित लक्षण :-
ऐसे लक्षण जो मनुष्य अपने जीवनकाल में अर्जित करता है। इनसे किसी प्रकार का डीएनए में बदलाव नहीं होता है। केवल शारीरिक बदलाव ही आते है। जो कि पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानान्तरित नहीं होते है। यह परिवर्तन शरीर की कायिक ऊत्तक में होते है। जो कि एक पीढ़ी में ही रहते है।
उदाहरण के लिए यदि चूहें की पूॅछ को काटा जाएं तो बिना पूछं के चूहे का जन्म नहीं होता है।
आनुवंशिक लक्षण :-
ऐसे लक्षण जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानान्तरित होते है। यानि एक पीढ़ी से संतति पीढ़ी में भी स्थानान्तरित होते है। यह बदलाव जीवों के डीएनए में होते है। जो स्थाई होते है।
जाति उद्भव :-
यद्यपि आनुवंशिक परिवर्तन अति सूक्ष्म होते है। जो सामान्य रूप से दृष्टिगोचर नहीं होते है। परन्तु कई बार जीव के डीएनए में एका-एक ऐसा परिवर्तन आ जाता है। जिससे कि वो एक अलग संतति का निर्माण कर लेते है। ऐसी संतति जो कि आपस में जनन करने में सक्षम नहीं होती है। यानि कि जनन रूप से एकदम भिन्न हो जाती है।
नई जातियों के उद्भव के लिए यह अति आवश्यक है।
अध्याय के कुछ मुख्य बिन्दू समायोजित किए गए है, जो इस प्रकार से है –
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Other Chapter Solution In NCERT / RBSE Science Class 10 :-
➤ Chemical Reactions and Equations
➤ Acids, Bases and Salts
➤ Metals and Non-metals
➤ Carbon and Its Compounds
➤ Periodic Classification of Elements
➤ Life Processes
➤ Control and Coordination
➤ How do Organisms Reproduce?
➤ Heredity and Evolution
➤ Light Reflection and Refraction
➤ Human Eye and Colourful World
➤ Electricity
➤ Magnetic Effects of Electric Current
➤ Sources of Energy
➤ Our Environment
➤ Management of Natural Resources